आर्थी व्यंजना का अर्थ
[ aarethi veynejnaa ]
आर्थी व्यंजना उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- साहित्य में, व्यंजना शब्द शक्ति का एक प्रकार या भेद जिसमें स्वयं शब्दों से नहीं बल्कि उनके द्वारा निकलने वाले अभिप्राय या आशय से अथवा शारीरिक चेष्टा, व्यंग्य, काकु, प्रसंग आदि के द्वारा कोई विशेष अर्थ या भाव व्यंजित होता है:"कृपया आप एक आर्थी-व्यंजना का उदाहरण दें"
पर्याय: आर्थी-व्यंजना
उदाहरण वाक्य
- समावेश हमारे यहाँ आर्थी व्यंजना के कारणों के अंतर्गत हो जाता है
- आर्थी व्यंजना में वक्ता , बोधव्य (जिसके प्रति बात कही जाय), वाक्य, अन्य
- कबीर की सुदृढ़ मान्यतायेंए भावात्मक सौन्दर्यए आर्थी व्यंजना आदि बातें जाने अनजाने क्या कुछ कहती और करती हैंए समझना मुश्किल है।